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हृदय की एनाटॉमी और फिजियोलॉजी/हृदय की विद्युत प्रणाली

हृदय की विद्युत प्रणाली में साइनोएट्रियल (SA) नोड कैसे कार्य करता है

हृदय की विद्युत प्रणाली में साइनोएट्रियल (SA) नोड कैसे कार्य करता है
Team SH

Team SH

Published on

November 13, 2025

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हृदय एक अद्भुत अंग है जो दिन में 1,00,000 से अधिक बार धड़कता है और पूरे शरीर में रक्त का संचार करता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्रत्येक धड़कन का समय कौन नियंत्रित करता है? इसका उत्तर साइनोएट्रियल (SA) नोड में छिपा है, जिसे हृदय का प्राकृतिक पेसमेकर कहा जाता है। यह सूक्ष्म कोशिकाओं का समूह विद्युत संकेत उत्पन्न करता है जो आपके हृदय को नियमित और समन्वित ताल में धड़कने में मदद करते हैं।

इस ब्लॉग में, हम समझेंगे कि SA नोड हृदय की विद्युत प्रणाली का हिस्सा होकर कैसे काम करता है, यह हृदय गति को कैसे नियंत्रित करता है, और जब यह प्रणाली बाधित होती है तो क्या होता है।

साइनोएट्रियल (SA) नोड क्या है?

SA नोड विशेष प्रकार की कोशिकाओं का समूह है, जो हृदय के दाहिने एट्रियम (Right Atrium) में, सुपीरियर वेना कावा (Superior Vena Cava) के प्रवेश द्वार के पास स्थित होता है। यह विद्युत आवेग (Electrical Impulses) उत्पन्न करने के लिए ज़िम्मेदार होता है, जो प्रत्येक हृदय धड़कन की शुरुआत करते हैं और हृदय की गति को निर्धारित करते हैं। इसी कारण इसे हृदय का प्राकृतिक पेसमेकर कहा जाता है।

SA नोड की मुख्य विशेषताएँ:

  • स्थान: दाहिने एट्रियम के ऊपरी भाग में
  • कार्य: विद्युत संकेत उत्पन्न करना जो पूरे हृदय में फैलकर एट्रिया और वेंट्रिकल्स को संकुचित करते हैं, जिससे रक्त पंप होता है
  • भूमिका: हृदय की गति और लय को नियंत्रित करना (सामान्य स्थिति में 60-100 धड़कन प्रति मिनट)

रोचक तथ्य: SA नोड स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System) के संकेतों से प्रभावित होता है, जो तनाव, व्यायाम या विश्राम जैसी परिस्थितियों में हृदय गति को समायोजित करता है।

SA नोड हृदय की धड़कन को कैसे नियंत्रित करता है?

SA नोड हृदय की विद्युत प्रणाली की शुरुआत का बिंदु है। यह प्रक्रिया इस प्रकार होती है:

  1. विद्युत आवेग का निर्माण: SA नोड स्वतः  ही प्रति मिनट लगभग 60-100 विद्युत संकेत उत्पन्न करता है, जो हर धड़कन की शुरुआत करते हैं।
  2. एट्रियल संकुचन: यह विद्युत संकेत एट्रिया तक पहुँचते हैं, जिससे वे संकुचित होते हैं और रक्त को वेंट्रिकल्स की ओर धकेलते हैं।
  3. AV नोड तक संकेत पहुँचना: इसके बाद यह संकेत एट्रियोवेंट्रिकुलर (AV) नोड तक पहुँचता है, जो एक "रिले स्टेशन" की तरह काम करता है। यह संकेत को कुछ क्षणों के लिए रोकता है ताकि वेंट्रिकल्स रक्त से भर सकें।
  4. वेंट्रिकुलर संकुचन: AV नोड से संकेत बंडल ऑफ़ हिज़ (Bundle of His) और पुरकिंजे तंतु (Purkinje Fibers) तक पहुँचता है, जिससे वेंट्रिकल्स संकुचित होकर रक्त को फेफड़ों और शरीर के अन्य हिस्सों में पंप करते हैं।

यह पूरा चक्र हर धड़कन के साथ दोहराया जाता है, जिससे हृदय की लय नियमित बनी रहती है और रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होता है।

हृदय की विद्युत प्रणाली में साइनोएट्रियल (SA) नोड कैसे कार्य करता है


हृदय गति को नियंत्रित करने में SA नोड की भूमिका

हालाँकि SA नोड हृदय की मूल गति निर्धारित करता है, लेकिन स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System) विभिन्न परिस्थितियों में इसे नियंत्रित करता है:

  1. व्यायाम के दौरान: व्यायाम के समय मांसपेशियों को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। सहानुभूति तंत्रिका तंत्र (Sympathetic Nervous System) SA नोड को संकेत भेजता है ताकि हृदय की गति बढ़े और अधिक ऑक्सीजनयुक्त रक्त मांसपेशियों तक पहुँच सके।
  2. आराम के समय: विश्राम के दौरान पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र (Parasympathetic Nervous System) SA नोड को संकेत भेजता है ताकि हृदय की गति धीमी हो सके।
  3. तनाव में: तनावपूर्ण स्थिति में "फाइट या फ्लाइट" प्रतिक्रिया के कारण सहानुभूति तंत्रिका तंत्र SA नोड को तेजी से धड़कने के संकेत देता है, ताकि शरीर आपात स्थिति में प्रतिक्रिया कर सके।
  4. सांस लेने के साथ बदलाव: सांस अंदर लेने पर हृदय की गति थोड़ी बढ़ जाती है और छोड़ने पर घट जाती है। इसे रेस्पिरेटरी साइनस अरिद्मिया कहा जाता है, जो SA नोड द्वारा नियंत्रित होती है।

जब SA नोड सही से काम नहीं करता

यदि SA नोड की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी हो जाए, तो हृदय की लय में विकार (Arrhythmia) उत्पन्न हो सकते हैं - यानी हृदय बहुत धीमे, बहुत तेज़ या अनियमित रूप से धड़क सकता है।

1. सिक साइनस सिंड्रोम (Sick Sinus Syndrome - SSS)

जब SA नोड सही गति से या नियमित रूप से विद्युत संकेत नहीं बनाता, तो यह सिंड्रोम होता है। इससे हृदय की गति कभी धीमी (Bradycardia) और कभी तेज़ (Tachycardia) हो सकती है।

  • लक्षण: चक्कर आना, थकान, बेहोशी, दिल की धड़कन महसूस होना
  • उपचार: गंभीर मामलों में पेसमेकर लगाया जा सकता है।

2. साइनस ब्रैडीकार्डिया (Sinus Bradycardia)

जब SA नोड प्रति मिनट 60 से कम संकेत भेजता है। यह नींद या विश्राम में सामान्य है, लेकिन यदि यह जागते समय होता है तो समस्या हो सकती है।

  • लक्षण: थकान, चक्कर, सांस फूलना
  • उपचार: दवाइयों में बदलाव या गंभीर मामलों में पेसमेकर।

3. साइनस टैकीकार्डिया (Sinus Tachycardia)

जब SA नोड बहुत तेज़ी से संकेत भेजता है (100 से अधिक धड़कन प्रति मिनट)। यह व्यायाम या तनाव के दौरान सामान्य है, लेकिन बिना कारण होने पर उपचार आवश्यक होता है।

  • लक्षण: तेज़ धड़कन, चक्कर, सीने में दर्द
  • उपचार: मूल कारण (जैसे चिंता, बुखार, निर्जलीकरण) का उपचार।

SA नोड की खराबी के सामान्य कारण

  • उम्र बढ़ना (Age-related degeneration)
  • हृदय रोग (जैसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट अटैक)
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • दवाइयाँ (जैसे बीटा-ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स)
  • इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन (पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम का असंतुलन)

भारतीय संदर्भ: इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, भारत में हृदय रोग मृत्यु का प्रमुख कारण हैं। उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापा SA नोड की गड़बड़ी के प्रमुख जोखिम कारक हैं।

SA नोड की समस्या का निदान

  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG): यह हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है और असामान्य लय का पता लगाता है।
  • होल्टर मॉनिटर: 24-48 घंटे तक पहना जाने वाला पोर्टेबल उपकरण, जो लगातार हृदय की लय की निगरानी करता है।
  • इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडी (EPS): यह परीक्षण हृदय के अंदर पतली तारों के माध्यम से किया जाता है ताकि विद्युत गतिविधि को सटीक रूप से मापा जा सके।

उपचार विकल्प

  1. पेसमेकर: गंभीर मामलों में, यह छोटा उपकरण SA नोड की जगह लेता है और नियमित विद्युत संकेत भेजकर हृदय की लय को स्थिर रखता है।
  2. दवाइयाँ: बीटा-ब्लॉकर्स या एंटी-अरिद्मिक दवाएँ हृदय की गति को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
  3. जीवनशैली में सुधार: तनाव कम करना, हाई ब्लड प्रेशर का उपचार, इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखना और नियमित व्यायाम फायदेमंद है।

SA नोड और हृदय की विद्युत प्रणाली को स्वस्थ रखने के उपाय

  1. नियमित व्यायाम करें: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम शारीरिक गतिविधि करें (WHO के अनुसार)।
  2. संतुलित आहार लें: फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और दालों से भरपूर भोजन करें। हल्दी, अदरक और हरी पत्तेदार सब्जियाँ हृदय के लिए लाभदायक हैं।
  3. तनाव प्रबंधन करें: योग और ध्यान से तनाव घटाएँ और हृदय की लय को संतुलित रखें।
  4. रक्तचाप की निगरानी करें: उच्च रक्तचाप SA नोड को नुकसान पहुँचा सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित रखना आवश्यक है।

निष्कर्ष

साइनोएट्रियल (SA) नोड आपके हृदय का प्राकृतिक पेसमेकर है, जो प्रत्येक धड़कन की शुरुआत करने वाले विद्युत संकेत उत्पन्न करता है। जब यह सही ढंग से कार्य करता है, तो आपका हृदय नियमित रूप से धड़कता है और शरीर के हर हिस्से में रक्त पहुंचाता है।

SA नोड के कार्य को समझना और उसके विकारों के लक्षणों को पहचानना हृदय स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए बेहद ज़रूरी है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, तनाव नियंत्रण और रक्तचाप की निगरानी जैसे कदम उठाकर आप अपने SA नोड को स्वस्थ रख सकते हैं और अपने हृदय की लय को मज़बूत बनाए रख सकते हैं।

मुख्य बातें (Key Takeaways):

  • SA नोड हृदय का प्राकृतिक पेसमेकर है, जो विद्युत संकेत उत्पन्न कर धड़कन को नियंत्रित करता है।
  • यह AV नोड, बंडल ऑफ हिज़ और पुरकिंजे तंतुओं के साथ मिलकर काम करता है।
  • SA नोड की खराबी से साइनस ब्रैडीकार्डिया, टैकीकार्डिया या सिक साइनस सिंड्रोम जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
  • नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव नियंत्रण SA नोड और पूरी विद्युत प्रणाली को स्वस्थ रखते हैं।
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