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स्वस्थ हृदय की आदतें /दिल को सेहतमंद रखने की रोज़मर्रा की आदतें

नींद कैसे आपके हार्ट को प्रभावित करती है और बेहतर नींद के लिए क्या करें।

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Team SH

Published on

May 24, 2025

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अच्छी नींद आपकी सेहत और तंदुरुस्ती के लिए अत्यंत आवश्यक है — और यह दिल की सेहत बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जबकि अधिकतर लोग आहार और एक्सरसाइज  को हार्ट हेल्थ से जोड़ते हैं, नींद के प्रभाव को अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। खराब नींद से दिल की बीमारी , हाई ब्लड प्रेशर और अन्य कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे: नींद और दिल की सेहत  के बीच क्या संबंध है। नींद की कमी से कौन-कौन से जोखिम जुड़े हैं। नींद की गुणवत्ता सुधारने के प्रभावी उपाय। जब आप यह समझ जाते हैं कि नींद आपके दिल को कैसे प्रभावित करती है, तो आप बेहतर विकल्प चुन सकते हैं और हर दिन गहरी, सुकूनभरी नींद को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं।

इस ब्लॉग में हम हृदय रोग के सबसे प्रमुख कारणों, उनकी दिल पर होने वाली असर और इनसे बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

नींद दिल की सेहत को कैसे असर करती है?

जब आप सोते हैं, तो आपका शरीर कुछ ऐसे ज़रूरी प्रक्रियाओं से गुजरता है जो हार्ट हेल्थ के लिए बेहद जरुरी होती हैं। गहरी नींद के दौरान आपकी हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर कम हो जाते हैं, जिससे आपके दिल और रक्त वाहिकाओं को आराम और मरम्मत का समय मिलता है। नियमित और अच्छी नींद हार्मोन को संतुलित करती है, तनाव को कम करती है, पूरे हृदय प्रणाली (cardiovascular system) के कार्य को बेहतर बनाती है। यानी, अच्छी नींद सिर्फ एनर्जी ही नहीं देती, बल्कि आपके दिल को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती है।

नींद दिल की सेहत को कैसे प्रभावित करती है?

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है। पर्याप्त नींद से ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है। नींद के दौरान ब्लड प्रेशर स्वाभाविक रूप से घटता है, जिससे दिल और रक्त वाहिकाओं पर दबाव कम पड़ता है।

  1. हार्ट रेट परिवर्तनशीलता (HRV) को बेहतर बनाती है: HRV (Heart Rate Variability) यानी दो धड़कनों के बीच समय में अंतर। यह जितना अधिक होता है, दिल उतना ही स्वस्थ माना जाता है। अच्छी नींद HRV को बढ़ावा देती है।
  2. सूजन (inflammation) को कम करती है: खराब नींद शरीर में सूजन बढ़ा सकती है, जो दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाती है। पर्याप्त नींद से सूजन कम होती है और दिल की रक्षा होती है।
  3. हॉर्मोन को संतुलित करती है: नींद कॉर्टिसोल और इंसुलिन जैसे हॉर्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करती है, जो ब्लड शुगर, भूख और स्ट्रेस को प्रभावित करते हैं। नींद की कमी से हॉर्मोन असंतुलन हो सकता है, जिससे मोटापा, डायबिटीज़ और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

फैक्ट: CDC (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, जो वयस्क हर रात 7 घंटे से कम सोते हैं, उनमें हृदय रोग (Heart Disease), डायबिटीज (Diabetes) और मोटापा (Obesity) होने की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक होती है जो 7 से 9 घंटे की पर्याप्त नींद लेते हैं। सोर्स: Centers for Disease Control and Prevention (CDC)

नींद की कमी और दिल की बीमारी के बीच संबंध

लगातार नींद की कमी — जिसमें अपर्याप्त नींद और खराब नींद की गुणवत्ता दोनों शामिल हैं — हार्ट हेल्थ पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। समय के साथ, नींद की कमी से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) बढ़ सकता है, हार्ट रेट (Heart Rate) तेज हो सकती है, और स्ट्रेस हॉर्मोन्स (Stress Hormones) का स्तर ऊँचा हो सकता है — ये सभी हृदय रोग (Cardiovascular Disease) के जोखिम को बढ़ाते हैं।

नींद की कमी से होने वाले हेल्थ रिस्क:

  • हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure): नींद की कमी शरीर के ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने की क्षमता को इफ़ेक्ट करती है, जिससे हाइपरटेंशन हो सकता है।
  • दिल का दौरा और स्ट्रोक का बढ़ा हुआ खतरा: नींद की कमी से ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट में बदलाव हो सकते हैं, जो दिल के दौरे (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) के खतरे को बढ़ाते हैं।
  • अनियमित हार्ट रेट (Arrhythmias) का खतरा: खराब नींद हृदय की धड़कनों को असामान्य बना सकती है, जिससे हार्ट रेट विकार होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • वजन बढ़ना और मोटापा: अपर्याप्त नींद भूख को नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन को प्रभावित करती है, जिससे भूख बढ़ती है और वजन बढ़ता है — जो हृदय रोग के मुख्य जोखिम कारक हैं।

सुझाव: हार्ट हेल्थ को बनाए रखने और हार्ट से जुडी समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए हर रात 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेने का प्रयास करें।

 

नींद की खराब गुणवत्ता के संकेत

केवल नींद की मात्रा ही नहीं, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बेहद ज़रूरी है। खराब नींद की गुणवत्ता आपको दिनभर थका हुआ, चिड़चिड़ा और निष्फल महसूस करा सकती है, और यह आपके हार्ट हेल्थ पर भी दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है।

नींद की खराब गुणवत्ता के सामान्य संकेत:

  • रात में बार-बार जागना
  • नींद आने या सोए रहने में कठिनाई
  • सुबह उठने पर थकान महसूस होना या तरोताजा न लगना
  • दिनभर नींद आना या एनर्जी की कमी महसूस होना
  • ध्यान केंद्रित करने में परेशानी या याददाश्त में कमी
  • सोते समय खर्राटे लेना, सांस रुकना या घुटन महसूस होना

सुझाव: यदि ये लक्षण नियमित रूप से दिखाई दें, तो किसी हेल्थ एक्सपर्ट से संपर्क करें ताकि स्लीप एपनिया, अनिद्रा या रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम जैसे नींद के विकारों की जांच की जा सके।

अच्छी नींद और हार्ट हेल्थ के लिए सुझाव

आपकी दैनिक दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव लाकर आप अपनी नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं। यहां कुछ व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं जो आपकी नींद बेहतर बनाने में मदद करेंगे:

1. एक नियमित नींद का समय तय करें

हर दिन एक ही समय पर सोना और जागना आपके शरीर की आंतरिक घड़ी (सर्केडियन रिदम) को संतुलित रखता है, जिससे अच्छी और गहरी नींद आती है।

सुझाव: सप्ताह के अंत में भी नींद का वही समय बनाए रखें ताकि दिनचर्या में संतुलन बना रहे।

2. आरामदायक बेडटाइम दिनचर्या बनाएं

सोने से पहले एक शांत वातावरण बनाएं ताकि शरीर को संकेत मिले कि अब आराम का समय है। इसमें किताब पढ़ना, गर्म पानी से स्नान करना या ध्यान लगाना शामिल हो सकता है।

सुझाव: सोने से पहले मोबाइल या टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग न करें, क्योंकि इनकी नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन के निर्माण में बाधा डालती है।

3. अपने सोने के स्थान को बेहतर बनाएं

अपने बैडरूम को ठंडा, अंधेरा और शांत रखें। ब्लैकआउट पर्दे, ईयरप्लग्स या व्हाइट नॉइज़ मशीन का उपयोग करके एक शांत वातावरण बनाएं।

सुझाव: आरामदायक गद्दा और बिस्तर नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

4. सोने से पहले खान-पान पर ध्यान दें

रात में भारी भोजन, कैफीन और शराब से बचें क्योंकि ये नींद को प्रभावित कर सकते हैं। भूख लगने पर हल्का और पौष्टिक आहार लें और पूरे दिन पानी पीते रहें ताकि रात में प्यास न लगे।

सुझाव: मैग्नीशियम और ट्रिप्टोफान से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे केला, मेवे और गर्म दूध नींद को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

5. नियमित रूप से व्यायाम करें

नियमित व्यायाम से नींद जल्दी आती है और गहरी होती है। हफ्ते में अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट का मध्यम स्तर का व्यायाम करें, लेकिन सोने से ठीक पहले भारी व्यायाम न करें।

सुझाव: टहलना, योग, तैरना या हल्की दौड़ जैसी गतिविधियाँ नींद और हार्ट हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद हैं।

6. स्ट्रेस और चिंता को नियंत्रित करें

लगातार तनाव और चिंता से नींद प्रभावित हो सकती है। गहरी साँसें लेना, मेडिटेशन करना या डायरी लिखना जैसी तकनीकों का उपयोग करें जिससे मन शांत हो सके।

सुझाव: सोने से पहले "चिंता डायरी" में अपने विचार और समस्याएं लिखें ताकि मन शांत हो और अच्छी नींद आ सके।

नींद संबंधी विकार और हार्ट हेल्थ के बीच संबंध

नींद विकार जैसे स्लीप एपनिया, अनिद्रा और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का हृदय स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यदि इन्हें उपचारित न किया जाए तो ये स्थितियां हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और अन्य दिल संबंधी उलझन का जोखिम बढ़ा सकती हैं।

हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले सामान्य नींद विकार:

  1. स्लीप एपनिया: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें नींद के दौरान सांस बार-बार रुकती और शुरू होती है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, एरिथमिया, और हृदय रोग हो सकता है।
  2. अनिद्रा: सोने में कठिनाई या बार-बार जागने से लगातार नींद की कमी हो जाती है, जो हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकती है।
  3. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (RLS): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें खासकर रात को पैरों को हिलाने की अनियंत्रित इच्छा होती है, जो नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।

सुझाव: यदि आपको संदेह हो कि आपको नींद का कोई विकार है, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से जांच कराने की बात करें। स्लीप एपनिया के लिए CPAP (कंटीन्यूस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर) थैरेपी या अनिद्रा के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थैरेपी जैसे उपचार नींद की गुणवत्ता सुधारने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

नींद संबंधी समस्या होने पर डॉक्टर से कब मिलें

यदि आप लगातार नींद की समस्याओं या किसी नींद विकार के लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो पेशेवर मदद लेना महत्वपूर्ण है। नींद की समस्याओं का समय पर इलाज आपके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकता है और हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है।

मदद कब लें:

  • आप जोर से खर्राटे लेते हैं, सांस लेने में रुकावट होती है, या नींद के दौरान सांस बंद हो जाती है।
  • आपको सोने में या सोते रहने में कई हफ्तों से परेशानी हो रही है।
  • पूरी रात की नींद के बाद भी दिन में ज्यादा नींद आती है।
  • रात को पैरों में बेचैनी या असहज महसूस होता है।

सुझाव: अपनी नींद के पैटर्न, लक्षणों और उन कारकों का रिकॉर्ड रखने के लिए डायरी बनाएं जो आपकी नींद को प्रभावित कर सकते हैं। यह जानकारी अपने डॉक्टर के साथ साझा करें ताकि वे किसी भी आधारभूत समस्या का सही निदान कर सकें।

निष्कर्ष

पर्याप्त और गुणवत्ता वाली नींद लेना हृदय स्वास्थ्य और समग्र तंदुरुस्ती के लिए बहुत जरूरी है। नींद ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, सूजन और हॉर्मोन नियंत्रण को प्रभावित करती है — जो सभी हार्ट हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छी नींद की आदतों को प्राथमिकता देकर, किसी भी नींद से लगती समस्या का समाधान करके, और एक नींद अनुकूल वातावरण बनाकर, आप अपने हार्ट हेल्थ का समर्थन कर सकते हैं और हृदय रोग के खतरे को कम कर सकते हैं।

ध्यान रखें, हृदय के स्वस्थ रहने के लिए नींद, आहार और एक्सरसाइज जितनी ही महत्वपूर्ण है। इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें ताकि बेहतर नींद और मजबूत हार्ट के दीर्घकालिक लाभ प्राप्त कर सकें।

मुख्य बातें:

  • गुणवत्ता वाली नींद ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, और सूजन को नियंत्रित करने में मदद करती है, जो हार्ट हेल्थ के लिए जरुरी हैं।
  • लगातार नींद की कमी हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, स्ट्रोक और अनियमित दिल की धड़कन के जोखिम को बढ़ाती है।
  • नींद की खराब गुणवत्ता के सामान्य लक्षणों में सोने में कठिनाई, बार-बार जागना, और दिन में थकान महसूस होना शामिल है।
  • अपनी नींद की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक नियमित नींद का समय बनाएं, आरामदायक सोने की दिनचर्या अपनाएं और अपने सोने के माहौल को अनुकूल बनाएं।
  • यदि आप लगातार नींद की समस्या या नींद की अनियमितता जैसे स्लीप एपनिया या अनिद्रा के लक्षण महसूस करते हैं तो विशेषज्ञ की मदद लें।

References:

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